संदीपन चंदा ने जीता पांचवी आईआईएफएल मुंबई इंटरनेशनल का खिताब
अखिल भारतीय शतरंज संघ से संबंद्ध इंडियन चेस स्कूल और साउथ मुम्बई चेस एकेडमी के संयुक्त आयोजन में मुंबई के द आर्केड वर्ल्ड सेंटर के कफ परेड कोलाबा में 30 दिसंबर से 7 जनवरी तक आयोजित हुई पांचवीं आईआईएफएल इंटरनेशनल ग्रांडमास्टर चेस टूर्नामेण्ट का सफलता पूर्वक समापन हो हुआ। टूर्नामेण्ट के जीएम ओपेन कैटेगरी के विजेता के लिए आखिरी राउण्ड तक धमासान जारी रहा। नौवें राउण्ड की समाप्ती के बाद अंकतालिका में 7.5 अंक बनाकर संयुक्त रूप से दो भारतीय ग्रांडमास्टर विजेता बनने की रेस में शामिल हुए। लेकिन बेहतर टाईब्रेक के आधार पर चैम्पियन का ताज टूर्नामेण्ट में नौवीं सीटेड ग्रांडमास्टर संदीपन चंदा के सिर सजा। वहीं उपविजेता दीपन चकवर्ती बने। सभी विजयी खिलाड़ियों को शतरंज के बेताज बादशाह, पांच बार के विश्व चैम्पियन सुपर ग्रांडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने अपने हाथों से पुरस्कृत कर खिलाड़ियों के चेहरे में गजब की मुस्कान देकर टूर्नामेण्ट की सफलता को चार चांद लगा दिया। पढ़े नितेश श्रीवास्वत की रिपोर्ट। फोटो मुंबई से मुकेश बलीराम भोसले के सहयोग से
पांचवी मुंबई आईआईएफएल इंटरनेशनल ग्रांडमास्टर चेस टूर्नामेण्ट में 25 ग्रांडमास्टर और 28 आईएम सहित कुल 93 टाइटल होल्डर खिलाड़ियों ने मोहरों की कलाबाजी से सभी को हैरत में डाल दिया। वहीं कई दिग्गज ग्रांडमास्टर भी उलटफेर का शिकार हुए। 112 भारतीय खिलाड़ियों के दल ने टूर्नामेण्ट में अपनी धमक तो जमा ही दी साथ ही प्रतियोगिता के खिताब भारत से बाहर नहीं जाने दिया। टूर्नामेण्ट के विजेता, उपविजेता, तीसरे स्थान पर काबिज होकर भारतीय ग्रांडमास्टरों ने अपने डंका बजा दिया। प्रतियोगिता में वैभव सूरी, बेलारुस के किरिल स्टुपक और आस्ट्रेलिया के ऋषि सरदाना ने 7 अंक बनाये, लेकिन टाईब्रेक के आधार पर वैभव को तीसरा, किरिल को चौथा और ऋषि को पांचवां स्थान हासिल हुआ।
संदीपन चंदाः अंतिम के छह राउण्ड में प्रभावशाली खेल से बने विजेता
आईआईएफएल मुंबई इंटरनेशनल ग्रांडमास्टर का खिताब नौवीं सीटेड दिग्गज ग्रांडमास्टर संदीपन चंदा (2545) ने नौ राउण्ड कै मैच में 7.5 अंक बनाकर अपने नाम कर लिया। संदीपन पूरी प्र्रतियोगिता में अपराजित रहे लेकिन चैम्पियन का खिताब जीतना उनके लिए इतना आसान नहीं था। अपने रक्षात्मक खेल शैली के लिए जाने जाने वाले संदीपन ने प्रतियोगिता के शुरूआत के तीन राउण्ड ड्रा खेलने के बाद आखिरी के छह राउण्ड में प्रभावशाली खेल का मुजायरा दिखाया। अपने बेहतरीन खेल और अनुशासित आत्मविश्वास से सभी छह मैचों में जीत दर्ज कर बेहतर टाइब्रेक के आधार पर प्रतियोगिता के चैम्पियन बन बैठे। आखिरी राउण्ड में संदीपन ने उज्बेकिस्तान के ग्रांडमास्टर याकूब नोदिरबेक को काले मोहरों से खेलते हुए धरासाई कर दिया।
दीपन चक्रवर्तीः आधे पड़ाव पर डगमगाये, फिर की जबदस्त वापसी
ग्रांडमास्टर दीपन चक्रवर्ती (2535) प्रतियोगिता में 12वीं सीटेड के खिलाड़ी थे। उन्होंने शानदार शुरुआत करते हुए लगातर तीन राउण्डों में जीत दर्ज कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिये। और संयुक्त रूप से पहले स्थान पर पहुंच गए। लेकिन चौथे चक्र में आईएम सायनत दास से ड्रा हुए उनके मैच ने जहां उनका विजय अभियान रोक दिया। वहीं पांचवे राउण्ड में मिश्र के ग्रांडमास्टर हेशम अब्देलरहमान के हाथों मिली हार ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी। इसके बाद उन्होंने संभलते हुए आखिरी के चार राउण्डों में शानदार खेल प्रदर्शन करते हुए सभी में जीत दर्ज कर जबदस्त वापसी की और प्रतियोगिता के उपविजेता बन बैठे।
पांचवी मुंबई इंटरनेशनल जीएम टूर्नामेण्ट में दूसरी सीटेड खिलाड़ी ग्रांडमास्टर वैभव सूरी ने इस प्रतियोगिता में अपने पूरे लय में दिखे। नौ राउण्ड के मैच में अपराजित प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 5 जीत और 4 ड्रा मैच खेल कुल 7 अंक अर्जित किये। अपने आखिरी राउण्ड में उन्होंने उज्बेकिस्तान के आईएम अब्दिमलिक अब्दिसलीमोव काले मोहरों से खेलते हुए निमजो इंडियन डिफेंस से 38 चालों में धरासाई कर दिया।
7 अंक बनाने वाले ऋषि का शुरुआत के चार राउण्ड का प्रदर्शन खास नहीं रहा। इन चक्रों में वह सिर्फ दो अंक ही अर्जित कर सकें। लेकिन आखिरी के पांच राउण्ड में धैर्यपूर्वक खेल का प्रदर्शन करते हुए इन्होंने सभी मैचों में जीत दर्ज की। आठवें और नौवें राउण्ड में इन्होंने लगातार दो ग्रांडमास्टर पर विजय प्राप्त कर अपनी धमक जमा दी। नौवें राउण्ड में उन्होंने चैम्पियन के दावेदार माने जाने वाले उक्रेन के ग्रांडमास्टर एडम तुखेव को पराजित कर हैरत में डाल दिया। उन्होंने अपनी लाइव रेटिंग में 10 अंकों की बढ़त हासिल की। उन्हें एक लाख की पुरस्कार राशि मिली।
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