आरबी रमेश ने जीता मार्क ड्वोंरेसकी पुरस्कार
भारतीय शतरंज खिलाड़ी इस समय पूरे विश्व में अपने रोमांचकारी खेल से सभी को गौरवान्वित कर अपना परचम लहरा रहे है। इन्हीं खिलाड़ियों के बीच भारत के एक शानदार शतरंज प्रशिक्षक ने भी देश को गौरवान्वित होने का मौका दिया। वह नाम है ग्रांडमास्टर रामचंद्रन रमेश (आर बी रमेश) का जिन्होंने 18 अक्टूबर को फीडे ट्रेनर अवार्ड्स के तहत प्रतिष्ठित मार्क ड्वोंरेसकी पुरस्कार जीत शतरंज जगत में खुशी की लहर पैदा कर दी है। आरबी रमेश का नाम एक खिलाड़ी से ज्यादा अब पूरी दुनिया में एक प्रशिक्षक के तौर पर जाना जाता है । वर्तमान समय में भारत के कई बड़े नाम जैसे मुरली कार्तिकेयन ,अरविंद चितांबरम ,आर प्रग्गानंधा ,दिव्या देशमुख उनके प्रशिक्षण में भारत को गौरान्वित कर रहे है । रमेश का विश्व शतरंज संघ द्वारा सम्मान दरअसल भारतीय शतरंज जगत का भी सम्मान है । पढ़े नितेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट
भारतीय शतरंज जगत में सुपर कोच के नाम से जाने जाने वाले आरबी रमेश को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जूनियर वर्ग में एक टीम द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया है। सर्वक्षेष्ठ ट्रेनर आरबी रमेश जूनियर, यूथ और वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 39 स्वर्ण पदक विजेताओं को प्रशिक्षित कर चुके है। जिसकी शुरुआत 1999 में आरती रामास्वामी के साथ शुरू हुई। वर्तमान में इनके अद्भुत शतरंज छात्र 14 वर्षीय ग्रांडमास्टर आर प्रज्ञानंदा ने मुम्बई में हुई विश्व अण्डर-18 शतरंज प्रतियोगिता में अपने से कहीं ज्यादा अनुभवी खिलाड़ियों को धरासाई कर स्वर्ण पदक जीत इनका और देश का मान बढ़ाया है। वहीं अब प्रज्ञानंदा वर्तमान में दिल्ली में चल रही विश्व जूनियर शतरंज प्रतियोगिता में शामिल होकर पदक के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। शतरंज प्रशिक्षक आर बी रमेश को इस उपलब्धि पर वर्ल्ड चेस फेडरेशन की तरफ से प्रसिद्ध यूक्रेनी मूर्तिकार वलोडिमिर ओडेरखेडस्की द्वारा डिजाइन की गई ट्रॉफी द ट्री ऑफ चेस दी जाएंगी। सभी विजेताओं को यह पुरस्कार उनकी इच्छा के अनुसार अलग-अलग समय और स्थानों पर दिए जाएंगे। फीडे ट्रेनर पुरस्कार के तहत आर बी रमेश के साथ विश्व के चार और प्रशिक्षकों को अलग-अलग नाम से अलग कैटेगरी में इस पुरस्कार के लिए चुना गयाा है।
आर बी रमेशः बस नाम की काफी है
20 अप्रैल 1976 में चेन्नई में जन्मे रामचंद्रन रमेश एक भारतीय शतरंज ग्रांडमास्टर है। जिन्होंने 2002 में ब्रिटिश चैम्पियनशिप और 2007 में राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप जीती थी। उन्होंने महिला ग्रांडमास्टर आरती रामास्वामी से शादी की है। यह भारत की पहली ग्रांडमास्टर युगल जोड़ी है। आरबी रमेश ने 2008 में युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए चेन्नई में शतरंज गुरुकुल के नाम से शतरंज अकादमी की शुरुआत की। अब तक शतरंज गुरुकुल ने भारत से कई अंतरराष्ट्रीय शतरंज चैम्पियन बनाए हैं। आरबी रमेश 2013 में चेन्नई में विश्वनाथन आनंद और नार्वे के ग्रांडमास्टर कालर्सन के बीच हुए विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में कमेट्रेटर की भी भूमिका निभा चुके है।
देखे और जाने रमेश को चेसबेस इंडिया हिन्दी संपादक निकलेश जैन के लिए दो विस्तृत इंटरव्यू के माध्यम से