चेन्नई ग्रैंडमास्टर शतरंज : विंसेंट केमर की लगातार दूसरी जीत, प्रतियोगिता में बनाई बढ़त
क्वांटबॉक्स चेन्नई ग्रैंडमास्टर्स 2025 का तीसरा संस्करण 7 अगस्त 2025 को हयात रीजेंसी होटल, चेन्नई में शुरू हुआ। प्रतियोगिता को मूल रूप से 6 अगस्त को शुरू होना था, लेकिन होटल में आग लगने की घटना के कारण एक दिन का विलम्ब हुआ। प्रतियोगिता के पहले दिन ही भारत के अर्जुन एरिगैसी ने अमेरिका के अवंदर लियांग और जर्मनी के विंसेंट कीमर ने भारत के निहाल सरीन को हराकर बढ़त बना ली थी। हालांकि, अन्य तीन मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए थे, जिनमें अनीश गिरी ने रे रॉबसन से, विदित गुजराथी ने जॉर्डन वैन फोरेस्ट से, और प्रणव वी. ने कार्तिकेयन मुरली से ड्रॉ खेला था। यह भारत की सबसे मजबूत क्लासिकल शतरंज प्रतियोगिता है, प्रतियोगिता में कुल ₹1 करोड़ का इनाम है, जिसमें मास्टर्स विजेता को ₹25 लाख मिलेंगे। इस प्रतियोगिता का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह भारत के शतरंज के सबसे लोकप्रिय शहर चेन्नई में हो रही है। चेन्नई से भारत को अनगिनत शतरंज के सितारे मिले हैं, जिन्होंने देश का नाम दुनिया में बुलंद किया है। वही दूसरे दिन जर्मनी के विंसेंट कीमर ने अपना विजयी रथ जारी रखते हुए भारत के प्रणव वी. पर जीत हासिल की, वहीं अन्य निर्णायक मुकाबले में अमेरिका के रे रॉबसन ने भारत के विदित गुजराथी पर जीत दर्ज की। दूसरे राउंड की अन्य तीन बाजियाँ ड्रॉ रहीं। दो राउंड के बाद विंसेंट कीमर ने दोनों बाजियाँ जीतकर एकल बढ़त बना ली है और दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से रे रॉबसन और अर्जुन एरिगैसी चल रहे हैं। पढ़े देवांश सिंह का यह लेख, Photo: Anmol Bhargav
"गुकेश और अरविंद के बाद, तीसरी बार किसके सिर सजेगा विजेता का ताज?"
क्वांटबॉक्स चेन्नई ग्रैंडमास्टर्स के पहले संस्करण को गुकेश ने 2023 में अपने नाम किया था। चेन्नई ग्रैंडमास्टर्स की यह जीत गुकेश के विश्व चैंपियन बनने में काफ़ी मददगार साबित हुई थी, क्योंकि इसे जीतकर उन्होंने फिडे सर्किट के महत्वपूर्ण अंक अर्जित किए थे और इन्हीं अंकों की बदौलत उन्हें कैंडिडेट्स टूर्नामेंट खेलने का अवसर मिला। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया और डिंग लीरेन को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन भी बने। दूसरे संस्करण में भारत के ही अरविंद चिदंबरम ने अपना पहला ही सुपर ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट खेलते हुए इसे जीता था और इस जीत के साथ उन्होंने विश्व पटल पर अपना नाम दर्ज करा दिया था। हालांकि पहले और दूसरे दोनों संस्करण 8 खिलाड़ियों के बीच खेले गए थे, लेकिन इस बार चैलेंजर्स और मास्टर्स – दोनों ही वर्गों में 10-10 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं और इनामी राशि भी पहले से बेहतर होती जा रही है।पहले और दूसरे—दोनों ही संस्करण चेन्नई के खिलाड़ियों ने अपने नाम किए हैं।
विन्सेंट कीमर (जर्मनी, 2730) ने पहले मुकाबले में निहाल सरीन (भारत, 2692) को हराया।
सफेद मोहरों से खेलते हुए जर्मनी के विंसेंट कीमर ने 1.d4 खेलने का निर्णय किया जिसके जवाब में निहाल ने ग्रुनफेल्ड डिफेन्स खेला हालांकि ओपनिंग में निहाल से कोई भारी भूल तो नहीं हुई थी पर 16वीं चाल पे उन्हें एक गलत प्यादे को मारना बहुत भारी पड़ा और विंसेंट ने वज़ीर और घोड़ा लड़ कर अंत में निहाल का हाथी भी अपने ऊंट से मार गिराया जिसके बाद लगभग पूरे गेम में विंसेंट ने बढ़त बनाई हुई थी हालांकि एक समय पर दोनों ही खिलाड़ी समय के अभाव में नजर आए और दोनों ने ही एक के बाद एक काफी गलतियां की कभी निहाल बराबरी पे आ जाते तो कभी विंसेंट फिर जीतने लगते पर खेल की अंतिम गलती निहाल से ही हुई और 52 चाल चली इस बाजी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा
अर्जुन एरिगैसी (भारत, 2776) ने अवंदर लियांग (अमेरिका, 2696) को हराया
अर्जुन ने सफेद मोहरों से इटालियन गेम खेला और उन्होंने खेल की शुरुआत में ही लियांग अवांडर पर समय में काफी बढ़त बना ली थी, 20 चाल हो जाने के बाद भी अर्जुन की घड़ी का समय कम नहीं हुआ था और वो लगभग 30 मिनट की बढ़त भी बना चुके थे और ये साफ़ ज़ाहिर था कि इस ओपनिंग की उन्हें पूरी तैयारी है और वो जानते हैं वह क्या कर रहे हैं, शुरुआत में ही अपना एक प्यादा देने के बाद अर्जुन ने शानदार आक्रामक शतरंज की प्रस्तुति दी और 31वीं चाल पर अवंदर का मोहरा मार गिराया और इसके बाद की चालें अर्जुन के लिए महज औपचारिकता समान थी क्योंकि उन्होंने इसके बाद अवंदर को कुछ खास मौका नहीं दिया और सफेद मोहरों से खेल अपने नाम किया
पहले राउंड के अन्य तीनों मुकाबले ड्रॉ रहे थे।
अनीश गिरी (नीदरलैंड्स) vs रे रॉबसन (अमेरिका) - ड्रॉ
विदित गुजराती (भारत) vs जॉर्डन वैन फोरेस्ट (नीदरलैंड्स) - ड्रॉ
प्रणव वी. (भारत) vs कार्तिकेयन मुरली (भारत) - ड्रॉ
दूसरे राउंड के नतीजे इस प्रकार रहे:
विन्सेंट कीमर ने प्रणव वी. को हराया
दूसरे राउंड में काले मोहरों से खेलते हुए विंसेंट कीमर ने भारत के प्रणव वी. के खिलाफ सिसिलियन डिफ़ेंस खेली। 18वीं चाल पर विंसेंट ने केवल एक प्यादे और घोड़े के बदले अपना हाथी प्रणव को दे दिया, लेकिन यही एक प्यादा आगे चलकर विंसेंट की जीत का कारण भी बना। खेल तो बराबरी का ही चल रहा था, पर विंसेंट के पास दो पास्ड पॉन (दो ऐसे प्यादे जो रोके नहीं जा सकते) थे, जिन्हें प्रणव के प्यादे रोकने में असमर्थ थे। इन्हीं के बल पर विंसेंट ने प्रणव पर दबाव बनाए रखा और 38वीं चाल पर हाथी की एक गलती प्रणव को बहुत भारी पड़ी। चंद चालों बाद ही विंसेंट ने यह बाजी अपने नाम कर ली। इस जीत के साथ वे अपनी दोनों बाजियाँ जीतकर प्रतियोगिता के शिखर पर पहुँच गए हैं।
अमेरिकी खिलाड़ी रे रॉबसन और भारत के विदित गुजराती के बीच की बाजी बेहद शानदार और दर्शनीय रही। हालांकि भारतीय खिलाड़ी को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने खेल में काफी हद तक बढ़त बना रखी थी। रॉबसन ने 1.d4 खेला और खेल क्वीन पॉन ओपनिंग से आगे बढ़ा। लगभग 25 चालों के बाद एक ऐसी स्थिति आई जिसमें रॉबसन ने अपना वज़ीर देकर विदित के दो मोहरे ले लिए। हालांकि इसके बाद भी विदित के लिए कोई खास कठिनाई नहीं थी, बल्कि उन्होंने उल्टा रॉबसन पर ही दबाव बनाए रखा और वे जीत के काफी करीब थे। लेकिन समय के अभाव में दोनों खिलाड़ियों से गलतियाँ शुरू हुईं और खेल की अंतिम भूल विदित से हुई। इसके बाद रॉबसन ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया और अपने हाथी, ऊंट, घोड़े और प्यादों के संयोजन से विदित के राजा को घेर लिया, जिससे विदित को हार स्वीकार करनी पड़ी।
निहाल ने गवाया जीतने का सुन्हेरा मौका, गिरि ने बचाई बाजी।
अर्जुन एरिगैसी vs जॉर्डन वैन फोरेस्ट - ड्रॉ
कार्तिकेयन मुरली vs अवंदर लियांग - ड्रॉ